कौशांबी। जिला लेखा परीक्षा की ऑडिट रिपोर्ट में तीन गांव के विकास कार्यों में 22.38 लाख रुपये की गबन की पुष्टि हुई है। नोटिस के बाद भी आरोपी सचिवों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। अब डीपीआरओ ने आरोपी सचिवों के वेतन से गबन की आधी धनराशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वसूलने का निर्देश दिया है। वसूली की रकम ग्राम पंचायत निधि प्रथम खाते में जमा होगी।
डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहायक निदेशक सहकारी समितियां व पंचायत लेखा परीक्षा कौशाम्बी ने ऑडिट किया था। इसमें नेवादा ब्लॉक के घोसिया गांव में 8 लाख 55 हजार 951 व दुर्गापुर गांव में 8 लाख 48 हजार 876 रुपये का गबन की पुष्टि हुई है।
डीपीआरओ के मुताबिक तत्कालीन सचिव कमलाकांत के वेतन से गबन की आधी धनराशि 12 प्रतिशत ब्याज की दर से 25 हजार हर माह वसूली की जाएगी। इसी प्रकार मूरतगंज ब्लॉक के उमरछा गांव के तत्कालीन सचिव धर्मेंद्र पांडेय ने पांच लाख 32 हजार 765 रुपये का गबन किया है।
इनके वेतन से भी 12 प्रतिशत ब्याज के साथ आधी धनराशि की वसूली की जाएगी। तीनों गांव के तत्कालीन प्रधान भी इसमें दोषी हैं। आधी धनराशि की वसूली तत्कालीन ग्राम प्रधानों से भी की जाएगी।